बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर लगातार सरकारे अपनी उपलब्धि गिना रहे है लेकिन इस उपलब्धि का परिणाम सहरसा जिले के थानों में होता नहीं दिख रहा है.बनमा थाना अध्यक्ष के संरक्षण में दलालो का भरण-पोषण हो रहा है. शुरुआती दौर में जब थाना अध्यक्ष ने अपना पदभार ग्रहण किया था तो उन्होंने जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर क्षेत्र में क्राइम कंट्रोल एवं शराबबंदी कानून को लेकर अल्टीमेट दिया था कुछ दिनों तक थाने से शराब माफिया दूर रहे लेकिन जैसे जैसे साठ-गांठ बढ़ती गई वैसे-वैसे थानों में दलालों का अड्डा बनता चला गया. एक नहीं दो नहीं बल्कि कई ऐसे दलाल है जो थाना में बैठते हैं मुंशी का कामकाज करते हैं बड़ी-बड़ी डील तक करतें है.बनमा ईटहरी थाना इन दिनो पूर्ण रुप से दलालों के कब्जे में है.यहां तक कि सिरिस्ता सहित डायरी लिखने तक का काम भी दलालों द्वारा ही किया जाता है. थाना में व्याप्त दलाल ही अभियुक्त को जेल भेजने और हाजत से रिहा करने का ठीका लिया करता है.इतना ही नहीं सरिफों को हथियार देकर या फीर प्रतिबंधित कफसिरफ देकर न्यायिक हिरासत भेजना थाने की सोभा बढ़ा रहा है.थाने की इस रवैया से इन्सान लोगों का जीना मुहाल हो गया है. जिसका जिता जागता प्रमाण इन दिनों थाने की एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि इस वायरल वीडियो की पुष्टि NRM टीवी न्यूज नहीं करता है। वायरल वीडियो में बनमा ईटहरी थाना के बनमा गांव निवासी रामबोल यादव का पुत्र मिथुन कुमार बताया जा रहा है जो थाना को ही अपना घर बना लिया है. और थाना में प्रतिनियुक्त मुशी अखिलेश कुमार के जगह मुशी का काम किया करता है जो इस वायरल वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है.